Sunday, June 24, 2012


क्या वास्ता मेरा उन जले कागजों की राख  से...
हम चाहते थे जिसे... जो था कभी  हमारा... वो अफसाना ही जल गया...!! 
  By - Parul Bhatnagar (24-Jun-12)


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